Unnao fire सरस्वती टाकीज में भीषण आग, तीन घंटे तक जूझती रही दमकल, लाखों का नुकसान
टाकीज में लगी आग से मोहल्ले में दहसत दमकल ने तीन घंटे में आग पर काबू पाया

सरस्वती टाकीज में भीषण आग, तीन घंटे तक जूझती रही दमकल, लाखों का नुकसान
उन्नाव | संवाददाता रिपोर्ट
गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र स्थित सरस्वती टाकीज में मंगलवार दोपहर अचानक आग लग गई। आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया और पूरी सिनेमा हॉल को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कुर्सियां, पर्दा, लकड़ी के पार्टिशन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चंद मिनटों में जलकर खाक हो गए। दमकल की गाड़ियां तीन घंटे तक मशक्कत करती रहीं, तब जाकर आग पर काबू पाया जा सका। इस हादसे ने न केवल टाकीज मालिक को बल्कि पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया।
घटना कैसे हुई
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार को सरस्वती टाकीज के भीतर से धुआं उठता दिखाई दिया। शुरू में लोगों को लगा कि यह शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ होगा, लेकिन कुछ ही मिनटों में आग की लपटें हॉल के पर्दे और सीटों तक पहुंच गईं। कर्मचारियों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तेजी से फैलती लपटों के आगे उनके सभी प्रयास नाकाम रहे।
इस दौरान पुलिस को सूचना दी गई। गंगाघाट कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार सिंह तत्काल मौके पर पहुंचे और भीड़ को नियंत्रित किया। पुलिस ने फंसे हुए पांच कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाला। अगर समय पर रेस्क्यू नहीं होता तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।
आसपास में फैली दहशत
टाकीज के आसपास घनी आबादी है। जैसे ही आग की खबर फैली, आसपास के मकानों में अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने घरों से बाहर निकल कर सड़क की ओर दौड़ लगाई। राजधानी मार्ग पर स्थित होने के कारण यहां भारी जाम और भीड़ लग गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को दूर किया ताकि दमकल की गाड़ियों को रास्ता मिल सके।
दमकल की जद्दोजहद
लोगों ने शुरुआत में सबमर्सिबल पंप से पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पानी बेअसर साबित हुआ। करीब एक घंटे बाद दमकल की टीम मौके पर पहुंची। कई टैंकरों से लगातार पानी डाला गया। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन तब तक सरस्वती टाकीज पूरी तरह खाक हो चुकी थी।
नुकसान का आकलन
टाकीज मालिक के अनुसार, आग में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। कुर्सियां, पर्दा, साउंड सिस्टम, प्रोजेक्टर, इलेक्ट्रिकल उपकरण, टिकट काउंटर और सजावट की सामग्री पूरी तरह जलकर खाक हो गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि नुकसान की राशि 50 से 70 लाख रुपये तक हो सकती है। प्रशासन ने फिलहाल नुकसान का आधिकारिक आकलन शुरू कर दिया है।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
कोतवाली प्रभारी अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट प्रतीत हो रहा है। हालांकि, फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया है ताकि वास्तविक वजह का पता लगाया जा सके। वहीं, जिलाधिकारी और एसपी ने भी घटना की जानकारी ली और जांच रिपोर्ट तलब की।
वहीं, मोहल्ले की रहने वाली रीना देवी का कहना था –
"बच्चे और बुजुर्ग दहशत में आ गए। जैसे ही आग फैली, हमने दरवाजे-खिड़कियां बंद कर दीं और बाहर निकल गए। यह हादसा बड़ा हो सकता था।"
ऐतिहासिक महत्व वाली टाकीज
सरस्वती टाकीज उन्नाव के पुराने सिनेमा हॉल्स में से एक थी। यहां दशकों से फिल्में दिखाई जाती रही हैं। हालांकि, मल्टीप्लेक्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म के दौर में टाकीज की रौनक कम हो चुकी थी, लेकिन अब भी स्थानीय स्तर पर दर्शक यहां फिल्में देखने आते थे। आग के बाद इस टाकीज के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी
फायर ब्रिगेड अधिकारियों ने बताया कि पुराने सिनेमाघरों और थिएटरों में अक्सर सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है। बिजली की वायरिंग, अग्निशमन यंत्र और आपातकालीन निकास के अभाव में इस तरह की घटनाएं बड़े हादसे का रूप ले सकती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि शहर के सभी पुराने टाकीजों और व्यावसायिक इमारतों का अग्नि सुरक्षा ऑडिट कराया जाना चाहिए।
सोशल मीडिया पर चर्चा
घटना की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। लोग प्रशासन को घेरते हुए सवाल कर रहे हैं कि आखिरकार शहर के बीचों-बीच बने ऐसे संस्थानों में सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं थे। कई लोगों ने यह भी कहा कि अगर आग बुझाने के इंतजाम पहले से होते तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।
भविष्य की चुनौतियां
इस हादसे के बाद जिला प्रशासन ने शहर के सभी सिनेमाघरों और बड़ी इमारतों में अग्निशमन इंतजामों की जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निष्कर्ष
सरस्वती टाकीज में लगी यह भीषण आग न केवल उन्नाव शहर के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए चेतावनी है। यह हादसा बताता है कि पुराने सिनेमाघरों और व्यावसायिक भवनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी किस तरह भारी पड़ सकती है। तीन घंटे की मशक्कत के बाद भले ही आग पर काबू पा लिया गया हो, लेकिन इस हादसे ने लाखों का आर्थिक नुकसान और स्थानीय लोगों के दिलों में गहरी दहशत छोड़ दी है।
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