सरकार की असराहनीय सोंच राहत सामग्री बंटेगी पांच किलोमीटर दूर
प्रशासन-चाहे-तो-नावों-ट्रैक्टरों-से-गांव-तक-पहुंचा-सकता-है-राहत-सामग्री

सरकार की असराहनीय सोंच
राहत सामग्री बंटेगी पांच किलोमीटर दूर
प्रशासन चाहे तो नावों,ट्रैक्टरों से गांवों तक पहुंचा सकता है राहत सामग्री
भाईजी सतीश बाजपेई की रिपोर्ट
उन्नाव, सदर तहसील के पनपथा गांव में बाढ़ से परेशान ग्रामीणों को क्षेत्रीय अधिकारियों ने बताया है पांच किलोमीटर दूर परियर बाबा बलखंडेश्वर मंदिर बाढ़ केंद्र पर बटेगी राहत सामग्री ।वाह रे जमाना 5 किलोमीटर पहले पैदल कड़ी धूप में परिश्रम करके राशन लेने जाय जनता इसके पहले आई बाढ़ में हमेशा गांव में ही बंटती थी राहत सामग्री।कड़ी धूप में 5किलोमीटर पैदल चलकर बलखण्डेश्वर मंदिर परियर में बाढ़ राहत कोश से आया राशन लेने ग्रामीणों को परियर बुलाया गया | जहाँ बाढ पीडि़तों पैदल चलकर जा रहे हैं | ऐसी तपती गर्मी में महिलाएं जिनके पास ना कोई साधन है अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पैदल धूप में और पानी को पैदल पार करके जाने को मजबूर हैं एक तरफ बाढ़ से परेशान दूसरी तरफ शासन प्रशासन 5 किलोमीटर दूर परियर तक पैदल चलवा कर राहत सामग्री बांट रहें हैं।
क्या ऐसे हालात में लोग राहत पाने से वंचित नहीं रह जाएंगे?
जबकि सही तरीका यह होता कि राहत सामग्री सीधे गांव-गांव पहुँचाकर बांटी जाती।
???? प्रशासन चाहे तो नावों, ट्रैक्टरों की मदद से गांव तक सामान पहुँचा सकता है।
???? सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की सुविधा होनी चाहिए।
क्या यह उचित तरीका है राहत सामग्री बांटने का | ऐसे में भी अधिकारी सिर्फ अपना आराम सोंच रहे हैं | बाढ पीडि़तों की परेशानियों से अधिकारियों को कोई मतलब नहीं |
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