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उन्नाव। सरकारी धन का दुरुपयोग व शोषण से परेशान पिछड़ी जाति के आरक्षित ग्राम प्रधान ने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी । प्रधान सरकारी धन के दुरुपयोग से आहत था। उसके प्रतिनिधि बिना बताये डोंगल से धन निकाल कर दुरुपयोग कर रहे थे।पुलिस ने पिता पुत्र के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। वहीं ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्यो को लेकर पंचायती राज के अधिकार हरकत में आ गये हैं। आरक्षण पर बने ग्राम प्रधान की प्रधानी चलाने वालों की मुस्किले बढ़ गई है।
उत्तर प्रदेश के हसनगंज कोतवाली क्षेत्र के अमोइया निवासी शारदा पत्नी स्व साहब लाल ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि मेरे पति मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते थे। 2021 के पंचायती चुनाव में गांव के चन्दन सिंह इनके पिता देसराज सिंह ने पति को चुनाव लड़ने के लिए उकसाया। पति ने धन न होने का हवाला बता कर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। चंदन सिंह ने चूनाव का खर्च वहन करने का आस्वाशन देकर चुनाव लडवा दिया। पति ने चुनाव में जीत हासिल कर ली थी। इसके बाद चंदन व उनके पिता ने पति शोषण करना शुरू कर दिया था। प्रधान के सभी अभिलेख और डोंगल अपने पास रखते थे। ग्राम पंचायत में हुए विकास कार्य का धन वहीं निकालते थे। पति ने कई बार अवैध धन निकालने से मना किया। जिससे पति परेशान रहते थे 12 जुलाई को अलग अलग मदों में लाखों रुपया निकाला गया था। जिसकी जानकारी पति को हो गई। 13 जुलाई को पति से पैसों को लेकर फिर कहा सुनी हुई और सुबह दस बजे कहीं चले गये थे। इससे पहले भी कई बार अवैध तरीके से रुपये निकालने को लेकर पति से कहा सुनी हो चुकी थी। पर चंदन व उसके पिता नहीं माने। सरकारी धन का दुरुपयोग होते देख पति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसका मलकादिम सरांय निवासी केशव प्रसाद के आम के बाग में ग्राम प्रधान साहबलाल का शव फांसी पर लटका मिला था। थाना प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि पत्नी की तहरीर पर चन्दन सिंह उसके पिता देशराज सिंह के विरुद्ध दुष्प्रेषण के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।