Mahtma gandhi महत्मा गांधी कैसे बने बापू व राष्ट्रपिता
महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जानिये
Welive24 महात्मा गांधी देश के ''राष्ट्रपिता'' कैसे बने और उन्हें बापू क्यों कहा जाता है। उनकी जयंती पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में जानिए।
भारत देश दो अक्तूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाता है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्तूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता थे, अंग्रेजों की गुलामी से आजादी की जंग में भारतीयों को एक जुट किया और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को स्वतंत्रता दिलाने में अहम योगदान दिया। प्रारंभिक शिक्षा भारत में पूरी करने के बाद वह इंग्लैंड गए लेकिन बाद में स्वदेश वापस लौट आए। बाद में दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की और वहां अप्रवासी अधिकारों की रक्षा के लिए सत्याग्रह किया। उनकी जयंती के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानिए, कि मोहनदास करमचंद गांधी देश के राष्ट्रपिता कैसे बने और उन्हें हर भारतीय बापू क्यों कहने लगे ।
अंग्रेजों से आजादी के लिए गांधी ने कई आंदोलन किये।
देश में आजादी के लिए लाखों क्रांतिकारी शहीद हो गये जिससे आहत महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता के लिए कई आंदोलन किए।उन्होने आजादी की लड़ाई में अहिंसा का मार्ग अपनाया।इसमें सत्याग्रह और अंग्रेजों की खिलाफत आंदोलन, नमक सत्याग्रह, डांडी यात्रा आदि शामिल है। हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सौहार्द और एकता बढ़ाने का प्रयास किया।
भारत की आजादी के बाद
भारत में अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद गांधी जी ने भारतीय समाज के साथ सामाजिक और आर्थिक सुधार के लिए काम किया और हिन्दू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा दिया। उन्होंने सच्चाई, संयम और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।
एक धोती में सादगी
आजादी की लड़ाई में गांधी जी ने अपना सबकुछ देश के लिए न्योछावर कर दिया। गांधी जी का जीवन एक साधक के रूप में भी मशहूर है। उन्होंने सादगी, निर्लिप्तता, और आत्मा के साथ संबंध को महत्वपूर्ण धारणाओं में जिया। एक धोती में पदयात्रा, आश्रमों में जीवन व्यतीत करने वाले गांधी भारतीयों के लिए पिता तुल्य हो गए और लोग उन्हें प्रेम व आदरपूर्वक 'बापू' कहकर पुकारने लगे।
महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' की उपाधि किसने दी
महात्मा गांधी को पहली बार "राष्ट्रपिता" कहने वाले सुभाष चंद्र बोस थे। सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को "राष्ट्रपिता" कहकर सम्मानित किया था, क्योंकि देश की आजादी में उनका महत्वपूर्ण योगदान था और वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। उसके बाद से गांधी जी को उनके सम्मान में पूरा देश एक जुट होकर ''राष्ट्रपिता'' के नाम से सम्बोधित करने लगा।
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