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श्रीहरीकोटा । ISRO इसरो ने एक बार फिर चाॅंद पर पहुंचने के लिए उड़ान भरी। LVM-3 लांचर चन्द्रयान को लेकर आसमान को चीरता हुआ आगे बढा। भारत निर्मित चन्द्रयान जैसे जैसे आगे बढ़ा, पड़ोसी देशों की धड़कने तेज हो गई।लाखों की संख्या में मौजूद व वैज्ञानिकों में तालियों गडगडाहट से पूरादेश झूम उठा।
शुक्रवार को आंध्रप्रदेश के श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चन्द्रयान-3 को सफलता पूर्वक छोड़ा गया । स्पेस सेंटर के वैज्ञानिकों ने रात-दिन एक करके कडी मेहनत से 615 करोड़ की लागत से चन्दरयान-3 महज चार वर्षों में तैयार कर लिया। इसरो ने वह कर दिखाया जिसका दुनिया लोहा मान रही है।
पहला चन्द्रयान 2008 में छोड़ा गया था। दूसरा जुलाई 2019 में और अब तीसरा 14 जुलाई 2023 को इतिहास में नाम दर्जन कराने चन्द्रयान 3 अपने मिशन को निकल पडा है। चन्द्रयान-3 पृथ्वी के चक्कर लगाता हुआ 50 दिनों में चन्द्रमा की सतह पर उतरने का अनुमान लगाया जा रहा है। यान अगर सफलता पूर्वक चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरगया तो भारत विश्व का पहला देश बन जाएगा।
चन्द्रयान-3 की लांचिंग के लिए देश व दुनिया भर की निगाहें टिकी थी। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी वैज्ञानिकों को ट्वीट कर बधाई दी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र(ISRO) इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ ने प्रेस वार्ता कर की। चन्द्रयान मिशन के बारे में जानकारी दी। कहा कि अगर सबकुछ सामान्य रहा तो चन्द्रयान-3 सफलता पूर्व 23 अगस्त को चन्द्रमा की धरती पर उतरने की उम्मीद है। इससे पहले की गलतियों का सुधार किया गया है। अन्य तकनीक से सफलता पूर्वक चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की जायेगी।