Unnao स्वामी रामस्वरूप ब्रम्हचारी की उधौ प्रसंग की कथा सुन श्रोता मंत्र मुग्ध हो गये
रनागढी गांव के शनि मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
'उधव मन न भये दस बीस,एक हुतो सो गयो श्याम संग'
Welive24
ब्लाक मियागंज क्षेत्र के रनागढ़ी गांव में स्थित शनि मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास ने कंस वध के साथ उधौ प्रसंग की कथा सुनाई। कृष्ण के विरह में गोपियों ने उधौ को ज्ञान का उपदेश दे दिया। करुण रस से भरी कथा को सुनकर श्रोताओं के आंखो में आंसू छलक पड़े। इस मौके आयोजक सहित सैकड़ों भक्त मौजूद रहे।
रनागढी के शनि मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास स्वामी राम स्वरूप ब्रह्मचारी ने कंस के अत्याचारों को अंत करने के लिए वृंदावन से मथुरा गये और कंस का वध करके पिता वसुदेव माता देवकी और नाना उग्रसेन को बंदी ग्रह से निकाला। मथुरा जाते समय ब्रज की गोपियां और सखा मायूस हो गये और पुनः वापस आने की राह तकने लगे। श्रीकृष्ण ने गोपियो का मोह भंग करने के लिए मथुरा के परम ज्ञानी उधौ को ब्रज भेजा कि श्रीकृष्ण के प्रेम में बेहाल ब्रजवासियों को अपना ज्ञान देकर वे परमात्मा में रम जाय । उधौ प्रसंग में कथा व्यास ने कहा कि उधौ ब्रज पहुंचे जहां गोपिकाओं ने कृष्ण समझकर उधौ का रथ घेर लिया और कृष्ण को निहारने लगीं। उधौ ने उन्हें काफी समझाने का प्रयास किया कि श्रीकृष्ण अब ब्रज नहीं आयेंगे उन्हें भूल कर परमात्मा को स्मरण करें। उधौ जी मेरे पास एक ही मन था जो भगवान श्रीकृष्ण में रम गया है। दूसरा मन नहीं है जो उनको भूलकर अन्य जगह लगा सकें। भौतिकता के वसीभूत लोग मोह माया में पड़े रहते हैं जिससे परमात्मा में मन नहीं लगता है। करुण रस से भरी कथा सुन कर श्रोताओं के आंसू छलक पड़े। इस मौके पर आयोजक प्रकाश मिश्रा,अन्नू मिश्रा, राजबहादुर मिश्रा,बद्री मिश्रा,रज्जन बाबा,नीरज सिंह,श्रीकृष्ण सिंह ,आचार्य विशाल शुक्ला,अवधेश तिवारी सहित सैकड़ों की संख्या में गांव व पड़ोस के गावों के सैकड़ों श्रोतागण मौजूद रहे।
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