छठवें दिन श्री राम कथा में माता कैकेयी द्वाराप्रभु के वनगमन के वरदान देने कथा सुन श्रोता नही रोक पाए आंशू
छठवें दिन श्री राम कथा में माता कैकेयी द्वाराप्रभु के वनगमन के वरदान देने कथा सुन श्रोता नही रोक पाए आंशू
भाईजी सतीश बाजपेई की रिपोर्ट
उन्नाव, बाबा जंगलेश्वर धाम परियर में हो रही श्री राम कथा में आज प्रभु वनगमन का वरदान मांगने की मर्मज्ञ कथा सुन कर भक्तगण नही रोक सके अपने आंशू
ग्राम परियर में चल रही श्री राम कथा में आज व्यास श्री छोटे सरकार शोभन द्वारा राम विवाह के उपरांत राम का अयोध्या में आगमन हुआ| बहुत मंगलाचार और उत्सव होने लगे | सभी अयोध्या वासी बहुत खुश थे | अब समय हुआ कि राम को राजा बना दिया जाए | तब देवताओं ने सोंचा अगर राम राजा बन गये तो जिस कल्याण हेतु भगवान का अवतार हुआ है वह अधूरा रह जाएगा | देवताओं द्वारा सरस्वती माँ से विनती की अब आप अपनी लीला रचाएं | प्रभु को अपने कार्य के लिए प्रेरित करें | मंथरा के माध्यम से कैकेयी ने राजा दशरथ से वरदान रुप में भरत को राज गद्दी और राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगा | इस मार्मिक कथा श्रवण कर श्रोताओं के नेत्रों से आंशू झलक पडे | पूरा पंडाल सीताराम और लखन के जयकारों से गूंज उठा | इस मार्मिक प्रसंग द्वारा भगवान ने पिता की आज्ञा पालन का बहुत बड़ा संदेश दिया | जिस के सिर ताज सजने का उत्सव होने वाला हो उसी क्षण उसे वनकल धारण कर वन जाने की आज्ञा मिले | और श्री राम उसे खुशी खुशी सिरोधार करें, ऐसी शक्ति ऐसा सामर्थ्य सिर्फ और सिर्फ देवताओं में ही हो सकती है | जय श्री राम
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